raghavendra

raghavendra Lives in Jaipur, Rajasthan, India

स्नातकोत्तर हिंदी विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय

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अब तेरे हिस्से में दुख आने नहीं दूंगा, माँ मैं तेरे चेहरे की हंसी जाने नहीं दूंगा।

#कविता #fourlinepoetry  अब तेरे हिस्से में दुख आने नहीं दूंगा,
माँ मैं तेरे चेहरे की हंसी जाने नहीं दूंगा।

ये संसार दोगली शय है जिसने केवल मेरे सुख अपनाये मै जब जब दुःखी था इसने मुझे त्याग दिया केवल मेरी माँ थी जो मेरे दुःख में मेरे साथ रोई इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी तुम्हारा नहीं है राघवेन्द्र

#कविता #MothersDay2021  ये संसार दोगली शय है
जिसने केवल  मेरे सुख अपनाये
मै जब जब दुःखी था 
इसने मुझे त्याग दिया
केवल मेरी माँ थी जो मेरे दुःख में मेरे साथ रोई
इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी तुम्हारा नहीं है

राघवेन्द्र

जब टूटने लगेगी उम्मीद और होने लगूंगा निराश जब जीवटता छूटने लगेगी हाथ से मै आऊंगा,और थाम लूंगा आपके पग पूछुंगा आपसे किस तरह असाध्य में भी साधा आपने जीवन। राघवेन्द्र

#कविता #sunkissed  जब टूटने लगेगी उम्मीद और
होने लगूंगा निराश
जब जीवटता छूटने लगेगी हाथ से
मै आऊंगा,और
थाम लूंगा आपके पग
पूछुंगा आपसे 
किस तरह असाध्य में भी साधा 
आपने जीवन।

राघवेन्द्र

#sunkissed

9 Love

जब बहुत अकेला होता हूँ या चिंतित होता हूँ तो चूम लेता हूँ तुम्हारा हाथ मेरे पास है एक जोड़े हाथ की तस्वीर जिसमें एक हाथ तुम्हारा है इस निर्जीव तस्वीर से भी हो जाते हैं मेरे होंठ हरे पोर-पोर में दौड़ने लगता है जीवन जैसे छा जाता है मुझ पर बसन्त जब तुम करती हो प्रेम की बात मैं तब हरियाता हूँ किन्तु जब लगता है उबाऊ तुम्हें मेरा 'मुझे तुमसे प्रेम है' कहना मैं सूखने लगता हूं जब तुम जाना चाहोगी दूर ये पतझड़ होगा जिसमें पत्तों के स्थान पर गिरेगी प्राणवायु तुम्हारा जाना मेरा ठूंठ होना होगा अचानक प्रेम में दूर चले जाने के भाव में तुम्हें जाने का अधिकार तो है किंतु ठहर जानें.. न जाने की विनय के साथ। राघवेन्द्र

#Darknight  जब बहुत अकेला होता हूँ या
चिंतित होता हूँ तो
चूम लेता हूँ तुम्हारा हाथ
मेरे पास है एक जोड़े हाथ की तस्वीर
जिसमें एक हाथ तुम्हारा है
इस निर्जीव तस्वीर से भी
हो जाते हैं मेरे होंठ हरे
पोर-पोर में दौड़ने लगता है जीवन
जैसे छा जाता है मुझ पर बसन्त

जब तुम करती हो प्रेम की बात
मैं तब हरियाता हूँ
किन्तु जब लगता है उबाऊ तुम्हें
मेरा 'मुझे तुमसे प्रेम है' कहना
मैं सूखने लगता हूं

जब तुम जाना चाहोगी दूर
ये पतझड़ होगा 
जिसमें पत्तों के स्थान पर गिरेगी प्राणवायु
तुम्हारा जाना मेरा ठूंठ होना होगा अचानक

प्रेम में दूर चले जाने के भाव में
तुम्हें जाने का अधिकार तो है किंतु
ठहर जानें.. न जाने की विनय के साथ।

राघवेन्द्र

कविता #Darknight

13 Love

--------------------- प्रेम में लगे वृक्ष जीते हैं एक शापित जीवन बिना अपने पालनहारों के अलग हुए प्रेमियों की याद में ही हर पतझड़ गिरा देता है अपनी पत्तियां नीम सुनों प्रेमियों, यदि हार भी जाओ तुम अपने प्रिय को संसार में, तब भी तुम मत करना समर्पण दुःख के आगे तुम्हारी मुस्कुराहट होनी चाहिए संबल सबसे दुःखित आदमी का प्रेम में तुम्हें होना होगा वट वृक्ष ताकि जब ईश्वर हो हताश और दुःखी तब तुम्हें ढूंढता हुआ आये और बैठ जाये तुम्हारे प्रेम की छांव में राघवेन्द्र

#कविता #peace  ---------------------
प्रेम में लगे वृक्ष जीते हैं एक शापित जीवन
बिना अपने पालनहारों के

अलग हुए प्रेमियों की याद में ही
हर पतझड़ गिरा देता है अपनी पत्तियां नीम

सुनों प्रेमियों,

यदि हार भी जाओ तुम अपने प्रिय को संसार में,
तब भी तुम मत करना समर्पण दुःख के आगे

तुम्हारी मुस्कुराहट होनी चाहिए संबल सबसे दुःखित आदमी का

प्रेम में तुम्हें होना होगा वट वृक्ष
ताकि जब ईश्वर हो हताश और दुःखी  
तब तुम्हें ढूंढता हुआ आये और बैठ जाये तुम्हारे प्रेम की छांव में


राघवेन्द्र

#peace

10 Love

जब तुम करती हो प्रेम की बात मैं तब हरियाता हूँ किन्तु जब लगता है उबाऊ तुम्हें मेरा 'मुझे तुमसे प्रेम है' कहना मैं सूखने लगता हूं

#कविता #reading  जब तुम करती हो प्रेम की बात
मैं तब हरियाता हूँ
किन्तु जब लगता है उबाऊ तुम्हें
मेरा 'मुझे तुमसे प्रेम है' कहना
मैं सूखने लगता हूं

#reading

26 Love

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