यह बोझ हम ना ढोवें छल के घावों को धोवें, साहस, शक | हिंदी कविता

"यह बोझ हम ना ढोवें छल के घावों को धोवें, साहस, शक्ति को सजोवें, किसने कितना ठगा हमें- यह बोझ हम ना ढोवें ! शत्रुभावों में ना खोवें, द्वेष के बीज ना बोवें, कौन कितना सगा अपना- यह बोझ हम ना ढोवें ! क्षीण गुलों पर ना रोवें, मन में नव निश्चय पिरोवें, कौन कितना जीता खेल- यह बोझ हम ना ढोवें ! रात्रि से अधिक ना सोवें, तन तंदुरस्ती से टोवें, कौन कितना उग्र, सशक्त- यह बोझ हम ना ढोवें ! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich"

 यह बोझ हम ना ढोवें

छल के घावों को धोवें,
साहस, शक्ति को सजोवें,
किसने कितना ठगा हमें-
यह बोझ हम ना ढोवें !

शत्रुभावों में ना खोवें,
द्वेष के बीज ना बोवें,
कौन कितना सगा अपना-
यह बोझ हम ना ढोवें !

क्षीण गुलों पर ना रोवें,
मन में नव निश्चय पिरोवें,
कौन कितना जीता खेल-
यह बोझ हम ना ढोवें !

रात्रि से अधिक ना सोवें,
तन तंदुरस्ती से टोवें,
कौन कितना उग्र, सशक्त-
यह बोझ हम ना ढोवें !

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich

यह बोझ हम ना ढोवें छल के घावों को धोवें, साहस, शक्ति को सजोवें, किसने कितना ठगा हमें- यह बोझ हम ना ढोवें ! शत्रुभावों में ना खोवें, द्वेष के बीज ना बोवें, कौन कितना सगा अपना- यह बोझ हम ना ढोवें ! क्षीण गुलों पर ना रोवें, मन में नव निश्चय पिरोवें, कौन कितना जीता खेल- यह बोझ हम ना ढोवें ! रात्रि से अधिक ना सोवें, तन तंदुरस्ती से टोवें, कौन कितना उग्र, सशक्त- यह बोझ हम ना ढोवें ! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich

#bestrong #positive #Attitude #kaviananddadhich #poetananddadhich

#FlowerBeauty

People who shared love close

More like this

Trending Topic