अकेला ही चला था, सब्र को कांधे पे डालकर, ना जाने क्यूं लोग इत्तिफ़ाकी से होते चले गये _ मुझसे और संग मैरे . . . काफिला तैयार था! अरुण प्रधान ©Arun pradhan Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto