सिर्फ "महिला दिवस" पर ही नही बल्कि हर दिन महिला का "सम्मान" करो।
सिर्फ एक दिन नही बल्कि हर दिन एक स्त्री, एक महिला का सम्मान करो क्योंकि वो सिर्फ एक दिन के सम्मान की नही बल्कि हर एक दिन के सम्मान की हकदार है। एक स्त्री ही असली हीरो है जिंदगी में जो हर एक किरदार को वो बखूबी निभाती है चाहे व बेटी का किरदार हो या बहु का, चाहे व माँ का किरदार हो या सासूमाँ का, चाहे व दादी का किरदार हो या नानी का है हर एक किरदार में वह एक स्त्री है। स्त्री से ही पुरुष का जीवन संपूर्ण है।🙏🙏😊 स्त्री है तो आज और आने वाला कल है अगर स्त्री ही नही तो ना आज है ना ही आने वाला कल है।