"दिल्लगी और मोहब्बत में हम इस कद्र बदनाम हो गए,
की जमाने में यूं चर्चे हमारे सरेआम हो गए।
वो जालिम - ए - हसीना ने दिल तोड़ा उस वक़्त हमारा,,
जब कमबख्त हम उसके हुस्न के गुलाम हो गए।।"
दिल्लगी और मोहब्बत में हम इस कद्र बदनाम हो गए,
की जमाने में यूं चर्चे हमारे सरेआम हो गए।
वो जालिम - ए - हसीना ने दिल तोड़ा उस वक़्त हमारा,,
जब कमबख्त हम उसके हुस्न के गुलाम हो गए।।