कैसे बताएं एहले महफ़िल को,
हम तुम्हें याद किस क़दर करते है।
इन आंखों से आंसू बन कर,
इश्क़ अब भी छलकते है।
तुमने तो बारे आराम से कह दिया,
किसी और समयाने में घर अपना।
पर तुमसे दिल लगाने का,
गुनाह ये बार बार करते है।
क्या करें ए मेरा दिल तोड़ने वाले,
प्यार तुमसे हमें आज भी बेशुमार है।
और ये एक बात मेरी सुनते जाना,
की तुम्हारे याद में आज भी गजलें पढ़ा करते हैं।
ye December ka mahina ye sardiyo ka Mausam
halki sard hawaon me kanpta huaa badan
ek halki si dhup ban kr koi to Sathi aaye
hatho me hath Dale koi to narmi laye
Suna para h kb se Dil ka hr ek Anjuman
ye December ka mahina ye sardiyo ka Mausam
हमारे इश्क़ में।
जी हां हुजूर हमारे इश्क़ में कितने?
हसीना के रात के चैन खो गए।
जनाब!
साला हमने थोड़ी बदसलूकी क्या?
कर दी उनसे वो बदचलन ही हो गए । जनाब!
आज मैंने फिर तस्वीर देखी है अपने जान - ए - गुलज़ार मेहबूबा की,
दिल तरपा मेरा क्यूंकि इश्क़ अभी तक जिंदा है।
जाने दिया नही है मैंने अपने लब से उनके होठों की खुशबू को,
क्यूंकि मेरी कहानियों में उनका ज़िक्र अभी तक जिंदा है ।।
#baayan-e-ehsas
ख़्वाहिश आज समंदर के लहरों को छोड़ कर ,
साहिल के दरिया पर सुकून से सोने की ख्वाहिश है।
इस नाकामी से भरे ज़िन्दगी से ऊपर उठ कर,
एक नया मकाम हासिल करने का दिल में छोटा ख्वाहिश है।।
ख़्वाहिश आज समंदर के लहरों को छोड़ कर ,
साहिल के दरिया पर सुकून से सोने की ख्वाहिश है।
इस नाकामी से भरे ज़िन्दगी से ऊपर उठ कर,
एक नया मकाम हासिल करने का दिल में छोटा ख्वाहिश है।।
5 Love
दिल्लगी और मोहब्बत में हम इस कद्र बदनाम हो गए,
की जमाने में यूं चर्चे हमारे सरेआम हो गए।
वो जालिम - ए - हसीना ने दिल तोड़ा उस वक़्त हमारा,,
जब कमबख्त हम उसके हुस्न के गुलाम हो गए।।
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