"बेहया थी बेवफा थी बेरंगी सोहबत थी हमारी
तमन्ना ए खाक कर गयी बेहद बुरी आदत थी हमारी
पर उस पर ऊँगली उठाना चाहो तो सो बार सोचना
जो भी थी जैसी भी थी मियाँ मुहब्बत थी हमारी"
बेहया थी बेवफा थी बेरंगी सोहबत थी हमारी
तमन्ना ए खाक कर गयी बेहद बुरी आदत थी हमारी
पर उस पर ऊँगली उठाना चाहो तो सो बार सोचना
जो भी थी जैसी भी थी मियाँ मुहब्बत थी हमारी