सूरज की रोशनी पर, बादलों का पहरा है। दिल को भरम हो | हिंदी कविता

"सूरज की रोशनी पर, बादलों का पहरा है। दिल को भरम हो गया, वक्त जैसे ठहरा है। पेड़ पौधे फूल पत्ते, रंग सबका खिल उठा यूं धरा ये लग रही, जैसे उसका चेहरा है। ©Suresh Jadav"

 सूरज की रोशनी पर, बादलों का पहरा है।
दिल को भरम हो गया, वक्त जैसे ठहरा है।

पेड़ पौधे फूल पत्ते, रंग सबका खिल उठा 
यूं धरा ये लग रही, जैसे उसका चेहरा है।

©Suresh Jadav

सूरज की रोशनी पर, बादलों का पहरा है। दिल को भरम हो गया, वक्त जैसे ठहरा है। पेड़ पौधे फूल पत्ते, रंग सबका खिल उठा यूं धरा ये लग रही, जैसे उसका चेहरा है। ©Suresh Jadav

#SunSet

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