"
गलती है मोहब्बत के ख़्यालों की,
ये मुस्कुराहट तेरे चेहरे की बेकसूर है,
मैं हर दाग हूँ चाँद का,तू उसी का नूर है,
मैं कोयला किसी खदान का,तू कोहिनूर है,
मैं नौकर तेरे शहर में,और तू ही मेरी हुजूर है!"
गलती है मोहब्बत के ख़्यालों की,
ये मुस्कुराहट तेरे चेहरे की बेकसूर है,
मैं हर दाग हूँ चाँद का,तू उसी का नूर है,
मैं कोयला किसी खदान का,तू कोहिनूर है,
मैं नौकर तेरे शहर में,और तू ही मेरी हुजूर है!