प्रेम दो ही बार करना चाहिए एक पहला और एक आखरी बार,
पंडिताइन हमारी पहली मुहब्बत थी,बहुत खूबसूरत थी एकदम परी जैसी,चमड़ी एकदम दूध जैसी उपर से स्कर्ट के ऊपर लाल रंग की शर्ट करेज़ा लूट लेती थी हमार,थोड़ी नकचड़ी थी लेकिन वही तो उसकी बला की खुबसूरती थी,पराठे अपने हाथ से खिलाती थी स्कूल में, हमे प्रेम पत्र लिखना खूब पसंद था उन्हे हमारा लिखा पढ़ना, हर प्रेम पत्र में उन्हें एक हमारी फोटो जरूर चाहिए होता था, नही तो उनकी दोनो भौंहें सांपो की तरह नृत्य करने लगती थी हमे देखकर, खैर ये सारी बातें बड़ी पुरानी हो चली,एक दिन देखा की पंडिताइन हमारी स्टोरी पर आई थी,फिर हमने प्राइवेसी लगा ली तबसे, आज एक लड़का मिला था बता रहा था पंडिताइन बहुत मोटी हो गई है शादी बाद और तो और उनके दो बच्चे भी हो गए है।
©Ankit Singh
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