Sunset
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घेईन रजा गावाला जाण्यासाठी परतून जुन्या त्या क्षणांत रमण्यासाठी मी गावाला जाईन खूप काळाने भेटेन वृद्ध आजीस तिथे प्रेमाने काढेल दृष्ट ती थरथरत्या हाताने घेईल जवळ ती मला खूप प्रेमाने वाढेल करून मग गरम भाकरी भाजी देईल छानशी फळे खायला ताजी फिरण्यास जरा जाईन नदीच्या काठी धावेन पुन्हा मी गुरावासरां पाठी पाहीन रांग ती पक्ष्यांची उडताना ते सूर्यबिंब मावळतीला झुकताना स्मरतील खुणा मग बालपणीच्या न्याऱ्या करतील मनाला आनंदित त्या साऱ्या जाईल मनाची निघून मरगळ सारी लाभेल मनाला माझ्या नवी उभारी ©जितू

#SunSet  घेईन रजा गावाला जाण्यासाठी
परतून जुन्या त्या क्षणांत रमण्यासाठी
मी गावाला जाईन खूप काळाने
भेटेन वृद्ध आजीस तिथे प्रेमाने

काढेल दृष्ट ती थरथरत्या हाताने 
घेईल जवळ ती मला खूप प्रेमाने  
वाढेल करून मग गरम भाकरी भाजी 
देईल छानशी फळे खायला ताजी

फिरण्यास जरा जाईन नदीच्या काठी 
धावेन पुन्हा मी गुरावासरां पाठी
पाहीन रांग ती पक्ष्यांची उडताना 
ते सूर्यबिंब मावळतीला झुकताना

स्मरतील खुणा मग बालपणीच्या न्याऱ्या 
करतील मनाला आनंदित त्या साऱ्या  
जाईल मनाची निघून मरगळ सारी
लाभेल मनाला माझ्या नवी उभारी

©जितू

#SunSet

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#Quotes #SunSet  “As the sun rises on Thursday morning, so does your potential for greatness.”

©BALA CREATOR

#SunSet

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#विचार #SunSet  *🙏🏻स्नेह वंदन 🙏🏻*
*अच्छाई के बदले अच्छाई ना मिलने पर अच्छे कर्म करना नही छोड़ना चाहिये।क्योंकि हमारे अच्छे कर्मों का फल,कब और किस रूप में मिलना है,यह ईश्वर ही निर्धारित करते है।*
                *🙏🏻🌅सुप्रभात 🌅🙏🏻*
              *🙏🏻🌹जय भोलेनाथ 🌹🙏🏻*

©KRISHNA

#SunSet

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शीर्षक - बिहार एक‌ नजर में पूर्णियां सा प्यारा, मिथिला सा मिठास , मधुबनी सा चित्रकार हूँ, मैं फणिश्वर सा कवि हूॅं, भोला पासवान सा स्वच्छ छवी हूँ, हां बिहारी हूँ मैं ! माँ सीता सी प्यारी , शुन्य का अविष्कारी , चाणक्य सा कूटनीतिज्ञ ! दशरथ सा हथोड़ा ,‌ राजनीति का सवेरा हूँ , हाँ बिहार हूँ मैं ! कोसी सा जिद्दी ,‌ गंगा का स्वच्छ निर्मल धार हूँ, हाँ बिहारी हूँ मैं! मैं ही शारदा , मैं ही उदित, मैं ही हर दिल की आवाज हूं, हां में ही बिहार हूँ ! मैं ही मिथला की मधुर गीत, मैं ही विद्यापति का संगीत हूं, हां मैं बिहार हूं ! गोविंन्द सा बलिदानी कुवर सा, स्वभिमानी दिनकर सा ज्ञानी, देश का गौरव राजेंद्र प्रसाद हूँ मैं, हाँ बिहार हूँ मैं ! अभिषेक सिंह ( पूर्णियां बिहार ) ©Writer Abhishek Anand 96

#SunSetबिहार #कविता  शीर्षक -  बिहार एक‌ नजर में 
पूर्णियां सा प्यारा,
मिथिला सा मिठास ,
मधुबनी सा चित्रकार हूँ,
मैं फणिश्वर सा कवि हूॅं,
भोला पासवान सा स्वच्छ छवी हूँ,
 हां बिहारी हूँ मैं !
 माँ सीता सी प्यारी ,
शुन्य का अविष्कारी ,
चाणक्य सा कूटनीतिज्ञ !
 दशरथ सा हथोड़ा ,‌ 
राजनीति का सवेरा हूँ , 
हाँ बिहार हूँ मैं !
 कोसी सा जिद्दी ,‌
गंगा का स्वच्छ निर्मल धार हूँ, 
हाँ बिहारी हूँ मैं!
मैं ही शारदा ,
मैं ही उदित,
 मैं ही हर दिल की आवाज हूं,
हां में ही बिहार हूँ !
मैं ही मिथला की मधुर गीत,
 मैं ही विद्यापति का संगीत हूं,
 हां मैं बिहार हूं !
  गोविंन्द सा बलिदानी कुवर सा,
  स्वभिमानी दिनकर सा ज्ञानी,
 देश का गौरव राजेंद्र प्रसाद हूँ मैं,
 हाँ बिहार हूँ मैं !

    अभिषेक सिंह 
     (  पूर्णियां बिहार )

©Writer Abhishek Anand 96
#परशुरामजी #कविता #SunSet  🚩🚩🚩🚩🚩

हे विप्र वंश सिरमौर प्रभू, देवों के देव महान....
जय जय परशुराम बोलो जय जय परशुराम ... 

सहस्त्रबाहु भुज छेदनहारा ..
दिव्य तेज के स्वामी !
पाप ,ताप,संताप,विनाशक ..
आप हो अन्तर्यामी !
प्रिय राम के सेवक शिव के..
सच्चे स्वाभिमानी !
ज्ञान,वैराग्य,शक्ति के साधक..
अखंड तेज ब्रह्मज्ञानी ! 

जग जंजाल से मुक्त हो , जो  जपे  तुम्हारा  नाम...!
जय जय परशुराम... 

शीश कटा सकते हैं लेकिन,
शीश झुके स्वीकार नहीं !
विप्र वंश का अब हमको,
अपमान तनिक स्वीकार नहीं !
अपने हक के लिए लड़ेंगे,
इसमें कोई तकरार नहीं !
रोक सके जो विप्र वीरो को,
बनी कोई दीवार नहीं ! 

उठाके फरसा दुष्टो का प्रभु करदो काम तमाम...!
जय जय परशुराम .... 

9050645019

©मनोज कौशिक
#मीम #SunSet  *सपनों को टूटते देखा है*
*बर्बादी के मंजर देखे हैं*

*गैरों से क्या गिला करे अपने क़त्ल का जनाब*
*मेने तो अपनों के हाथों में खंजर देखे है*

©KRISHNA

#SunSet

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