ये तुम्हारें लिए कुछ पंक्तिया लिखी है
पढ़ो तो वो सपनों से भरपूर लिखी है
चेहरे पर मोहब्बत का वो नूर चमकता
मैंने कुछ बातें फ़िर मिश्री सी लिखी है
पहरा कोई देखा ना संग कभी जिसके
ख़्वाबों की उसकी ये किताब लिखी है
ख़ुशी से गुजरता, जों हर पल अपना
देखकर आई वो मुस्कुराहट लिखी है
पढ़कर इसे कई खुश, कई मायूस होंगे
मोहब्बत की बात जो सरेआम लिखी है
अपना हर दिन, देखकर तुझे ही बनता
"अक्षि" ने दिल की फ़िर से बात लिखी है
ये तुम्हारें लिए कुछ पंक्तिया लिखी है
पढ़ो तो वो सपनों से भरपूर लिखी है
©WRITER AKSHITA JANGID
#intezar