नाराज़ नाराज हैं जिन्दगी मान लिया मैंने ,बुरे दौर क | हिंदी Life
"नाराज़ नाराज हैं जिन्दगी मान लिया मैंने ,बुरे दौर का एहसान लिया मैंने
रूख मोड़ सका ना गमों का
तो मुसीबतों से उलझना सीख लिया
दरिया से भागना छोड़ उल्टी धारा मे तैरना सीख लिया।।"
नाराज़ नाराज हैं जिन्दगी मान लिया मैंने ,बुरे दौर का एहसान लिया मैंने
रूख मोड़ सका ना गमों का
तो मुसीबतों से उलझना सीख लिया
दरिया से भागना छोड़ उल्टी धारा मे तैरना सीख लिया।।