कुछ बेरंग दाल सी ये होती है पिता बिना ज़िन्दगी जिसे
"कुछ बेरंग दाल सी ये होती है पिता बिना ज़िन्दगी
जिसे चाहे कितने भी नक्काशी किये हुए कीमती कटोरे में रख दिया जाये
पर उसकी रंगत व् उसका स्वाद
नही बदला जा सकता।
✍️pragya mishra"
कुछ बेरंग दाल सी ये होती है पिता बिना ज़िन्दगी
जिसे चाहे कितने भी नक्काशी किये हुए कीमती कटोरे में रख दिया जाये
पर उसकी रंगत व् उसका स्वाद
नही बदला जा सकता।
✍️pragya mishra