Shree Ram की राम नाम की महिमा प्यारी जिसे होते सार | हिंदी कविता

"Shree Ram की राम नाम की महिमा प्यारी जिसे होते सारे काम है वह हमारी प्यारे श्री राम है की साहब 500 वर्षों के बनवास के साथ अब राम भक्तों का लक्ष्य पूर्ण हो पाया है जब हमने रामलाला को राम मंदिर में पाया है इतिहास गवाह है कितने कितने संघर्षों में हमें मंदिर मिल पाया है था एक टाइम उनका जब बाबर ने किया था हमला मंदिर है तोड़ा फिर 500 वर्ष तक न संभाला धरती थी राम मंदिर की फिर भी मस्जिद बनवाई थी 190 वर्षों तक अपनी हुकूमत चलाई थी था सनातनी वीर जय सिंह ने आवाज उठाई थी काफी करीब कोशिश फिर भी जमीन न मिल पाई थी सन 35 में रघुवर जी ने कोर्ट में पहली अर्जी लगाई थी राम लाल के घर के लिए हिंदू के दिल में आग जलाई थी 400 वर्ष बाद भी लड़ाई यूं ही चलती रही 6 दिसंबर 1992 में इतिहास हमने रचाया था शौर्य दिवस की तरह इसे हमने मनाया था इस दिन सारे चढ़ गए घूंम्मज पर। और उसे फोड़ दिया रामलाल का नाम फिर जोड़ दिया फिर एक बात स्पष्ट हो गई खड़ी राघव मेरे आ रहे हैं 22 जनवरी ©ankush jain kanni"

 Shree Ram की राम नाम की महिमा प्यारी जिसे होते सारे काम है वह हमारी प्यारे श्री राम है
की साहब
 500 वर्षों के बनवास के साथ अब राम भक्तों का लक्ष्य पूर्ण हो पाया है
 जब हमने रामलाला को राम मंदिर में पाया है
इतिहास गवाह है कितने कितने संघर्षों में हमें मंदिर मिल पाया है
था एक टाइम उनका जब बाबर ने किया था हमला मंदिर है तोड़ा फिर 500 वर्ष तक न संभाला
 धरती थी राम मंदिर की फिर भी मस्जिद बनवाई थी 190 वर्षों तक अपनी हुकूमत चलाई थी 
था सनातनी वीर जय सिंह ने आवाज उठाई थी काफी करीब कोशिश फिर भी जमीन न मिल पाई थी
 सन 35 में रघुवर जी ने कोर्ट में पहली अर्जी लगाई थी राम लाल के घर के लिए हिंदू के दिल में आग जलाई थी
 400 वर्ष बाद भी लड़ाई यूं ही चलती रही
6 दिसंबर 1992 में इतिहास हमने रचाया था शौर्य दिवस की तरह इसे हमने मनाया था इस दिन सारे चढ़ गए घूंम्मज पर। और उसे फोड़ दिया रामलाल का नाम फिर जोड़ दिया
फिर एक बात स्पष्ट हो गई खड़ी राघव मेरे आ रहे हैं 22 जनवरी

©ankush jain kanni

Shree Ram की राम नाम की महिमा प्यारी जिसे होते सारे काम है वह हमारी प्यारे श्री राम है की साहब 500 वर्षों के बनवास के साथ अब राम भक्तों का लक्ष्य पूर्ण हो पाया है जब हमने रामलाला को राम मंदिर में पाया है इतिहास गवाह है कितने कितने संघर्षों में हमें मंदिर मिल पाया है था एक टाइम उनका जब बाबर ने किया था हमला मंदिर है तोड़ा फिर 500 वर्ष तक न संभाला धरती थी राम मंदिर की फिर भी मस्जिद बनवाई थी 190 वर्षों तक अपनी हुकूमत चलाई थी था सनातनी वीर जय सिंह ने आवाज उठाई थी काफी करीब कोशिश फिर भी जमीन न मिल पाई थी सन 35 में रघुवर जी ने कोर्ट में पहली अर्जी लगाई थी राम लाल के घर के लिए हिंदू के दिल में आग जलाई थी 400 वर्ष बाद भी लड़ाई यूं ही चलती रही 6 दिसंबर 1992 में इतिहास हमने रचाया था शौर्य दिवस की तरह इसे हमने मनाया था इस दिन सारे चढ़ गए घूंम्मज पर। और उसे फोड़ दिया रामलाल का नाम फिर जोड़ दिया फिर एक बात स्पष्ट हो गई खड़ी राघव मेरे आ रहे हैं 22 जनवरी ©ankush jain kanni

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