अगर आग की उठती लपटें कुछ
बोल पातीं !
तो वो मुझे ये ज़रूर सीखाती !
की मेरे सपनें साकार हो जाएंगे !
बस थोड़ा तपिश में खुद को
झोंकने की ज़रूरत हैं !
उससे उठती चिंगारियां रोशनी की किरण
बन जाती !
तमस को चीरकर सुनहरा सवेरा ले आती !
ए मेरे दोस्त ! तुम मेरी नज़र से देखते
तो तुम कुछ यूं मचल जाते !
इन शोलों से उठती रोशनी में तुम
अपना खोया हुआ जोश पा जाते !
©Jyotshna2000
#dryleaf