था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो
दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में।
तुम अकेले ही नहीं रोये मुहब्बत में यहाँ
दर्द की है दफ़्न मैंने भी पस-ए-दीवार में।
©Vikash Kumar
था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो
दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में।
तुम अकेले ही नहीं रोये मुहब्बत में यहाँ
दर्द की है दफ़्न मैंने भी पस-ए-दीवार में।
-- Vikash Kumar
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