मैं मुहब्बत लिखूं या
कोई हसीं कहानी लिखूं,,
मेरे गीतों से हरदम
शहादत की साज आएगी।।
मेरे ताबूत को कील लगाकर
कर जमीदोज कर देना,,
तुम जब भी खोलोगे
वन्दे मातरं आवाज आएगी।।
Sajal jain
मैं मुहब्बत लिखूं या
कोई हसीं कहानी लिखूं,,
मेरे गीतों से हरदम
शहादत की साज आएगी।।