ज़िंदगी के अंधेरों में
वो चाँद बन के आया है
पा कर उसे लगता है हमें
जैसे सारे जहाँ को पाया..
महक उठा है मेरा जहाँ
महक उठी हैं बहारें
छाया है एक अलग ही नशा
जब से वो करीब आया है..
हर बात उसी से शुरू और
ख़त्म भी उस ही पर
मेरे ख़्वाबों ख़यालों पर
इस तरह से वो छाया है..
©the unsaid arpita