तेरी खुशबू को अपनी साँसों में बसा सकता हूँ अपन | हिंदी शायरी

"तेरी खुशबू को अपनी साँसों में बसा सकता हूँ अपने दिल को तेरे सीने में धड़का सकता हूँ चांद तारे अपनी पहुंच से बहुत दूर है माना तुझको एक सितारों वाली साड़ी दिला सकता हूँ नही हैसियत तुझको हीरे मोती दे सकूँ मैं तोहफे में तेरे लिए एक ग़ज़ल गा सकता हूँ काजल बिंदी लाली झुमके न पाऊं अगर शायर हुँ तुझे अपने लफ़्ज़ों से सजा सकता हूँ 😊 अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻 ©Niraj Pandey"

 तेरी  खुशबू  को  अपनी साँसों में बसा सकता हूँ 
अपने  दिल  को  तेरे  सीने  में धड़का सकता हूँ

चांद  तारे  अपनी  पहुंच  से  बहुत  दूर  है  माना 
तुझको एक सितारों वाली साड़ी दिला सकता हूँ

नही  हैसियत  तुझको  हीरे  मोती  दे सकूँ मैं
तोहफे  में  तेरे  लिए  एक  ग़ज़ल  गा  सकता हूँ

काजल  बिंदी  लाली  झुमके  न  पाऊं  अगर
शायर हुँ तुझे अपने लफ़्ज़ों से सजा सकता हूँ 
😊 

अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻

©Niraj Pandey

तेरी खुशबू को अपनी साँसों में बसा सकता हूँ अपने दिल को तेरे सीने में धड़का सकता हूँ चांद तारे अपनी पहुंच से बहुत दूर है माना तुझको एक सितारों वाली साड़ी दिला सकता हूँ नही हैसियत तुझको हीरे मोती दे सकूँ मैं तोहफे में तेरे लिए एक ग़ज़ल गा सकता हूँ काजल बिंदी लाली झुमके न पाऊं अगर शायर हुँ तुझे अपने लफ़्ज़ों से सजा सकता हूँ 😊 अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻 ©Niraj Pandey

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