"ना उसको कभी पा सके ना उसको कभी
खोया गया।
मौत मुझे आई नही ना चेन से कभी सोया
गया।
तुम्हे क्या मालूम बिछड़कर जीना कैसा है
ना खुलकर कभी मुस्कुरा सके ना जी भर के
कभी रोया गया।....wahid Khan "
ना उसको कभी पा सके ना उसको कभी
खोया गया।
मौत मुझे आई नही ना चेन से कभी सोया
गया।
तुम्हे क्या मालूम बिछड़कर जीना कैसा है
ना खुलकर कभी मुस्कुरा सके ना जी भर के
कभी रोया गया।....wahid Khan