आह जिंदों में हूं मैं न मुर्दों में हूं क़फ़स में | हिंदी Shayari Vide

"आह जिंदों में हूं मैं न मुर्दों में हूं क़फ़स में हूं जैसे परिंदों में हूं घूरती हैं आती जाती हुई नजरें खौफ में हूं रेत के घरौंदों में हूं ©Quseem Faruqui "

आह जिंदों में हूं मैं न मुर्दों में हूं क़फ़स में हूं जैसे परिंदों में हूं घूरती हैं आती जाती हुई नजरें खौफ में हूं रेत के घरौंदों में हूं ©Quseem Faruqui

#udas

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