न जाने किस नशे में इतना तू हो गया मदहोश है आख़िर क
"न जाने किस नशे में इतना तू हो गया मदहोश है
आख़िर किस बात का मुझ से निकाल रहा रोष है
तुझे न जाने मैंने कितनी कोशिश की समझाने की
पर तू मुझे न समझ सका बस इसी बात का मुझे अफ़सोस है
मो. इक्साद अंसारी"
न जाने किस नशे में इतना तू हो गया मदहोश है
आख़िर किस बात का मुझ से निकाल रहा रोष है
तुझे न जाने मैंने कितनी कोशिश की समझाने की
पर तू मुझे न समझ सका बस इसी बात का मुझे अफ़सोस है
मो. इक्साद अंसारी