तुम्हें तसल्ली मिलती हो तो,
तुम भी कुछ ऐसा कर लो।
मुझ पर कुछ आरोप लगा लो,
खुद को निर्मल सा कर लो।।
हम खुद को साबित कर लेंगे,
हर लगते आरोपों से।
पर बोलो क्या बच पाओगे,
तुम इन बेजा पापों से।।
गैरों की थाली का भोजन,
छीन स्वयं का पेट भरो।
या गैरों की गूढ़ कमाई,
लूटो या आखेट करो।।
दुनिया को बहका सकते हो,
करके यह दोहरा व्यवहार।
पर उसको क्या बहकाओगे,
जिसकी महिमा अपरम्पार।।
.............. कौशल तिवारी
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©Kaushal Kumar
#तसल्ली