*कभी तो मुझे बड़ा होने दो *
कब- तक बच्चा समझते रहोगे,?
कभी तो बड़ा होने दो।
कब -तक गिरते हुए मुझे सहारा दोगे?
कभी तो गिर कर खुद से उठने दो।
कब -तक सही मार्ग का अनुसरण कराते रहोगे?
कभी तो गलत से सही मार्ग पर खुद से आने तो दो।
कब -तक साथ चलोगे मेरे?
कभी तो अकेले मंजिलों को नापने दो।
कब- तक मेरे डूबते हुए हाथ पकड़ कर बाहर लाओगे?
कभी तो खुद से तैर कर मझधार से बाहर आने तो दो।
कब -तक कुंए के अंदर की दुनियां में रखोगे?
कभी तो, समुन्द्र की घहराई में उतरने तो दो।
उड़ान भरने के लिए पैदा हुआ हूँ मैं,
कभी तो "पर " फैला कर आसमान को छूने तो दो।
मेरे अपनों कब -तक मुझे बच्चा समझते रहोगे?
कभी तो मुझे बड़ा होने तो दो।
शैलजा यादव 😊
©shailja ydv
कभी तो बड़ा होने दो