White अबकी लौटोगे तो उस मोड़ पर वापिस मिलूंगी नहीं ,
याद आते हो बेहिसाब ये बात तुमसे कहूंगी नहीं ,
अब हंसती हूं तो चमकती नहीं आंखें मेरी
हृदय उमड़ा है पर आंखों से बहूंगी नहीं ..
तुम ख़्वाब ,खयाल , डायरी, किताब सब जगह हो
बस हकीकत में तुमसे अब मिलूंगी नहीं,
तुम बसंत बनकर दस्तक दो चाहे मगर
मन कली कह रही मैं खिलूंगी नहीं ,
पांव दरिया में डाले अबके सोचा है मैंने
रेत लिपट जाए तो भी बिन बारिश के पूरी भीगूंगी नहीं
© Pallavi pandey
#शायरी #लव❤