White पसंद है उसे
मेरे हाथों में चूड़ियां
मेरे पैरों में बंधे पायल की रुनझुन
उसकी मुस्कान को और
गहरा बना देती है
जब भी लगाती हूं काली बिंदी
उसकी आंखें चूम लेती हैं मेरा माथा चुपके से ,
साड़ी पहन लूं तो रुकता नहीं
मेरी तारीफ किए बगैर
आज पूछा है मैंने
मेरा सजना – संवारना भाता है न तुम्हें ?
तुम्हें अच्छी लगती है झुमके वाली तसवीर?
बोलो ..
सुनो तुम
सबसे अच्छा लगता है
तुम्हारे हाथों में कलम और किताब ,
चित्र बनाते हुए तुम्हारे चेहरे पर पड़ी रंगों की बिंदी
किसी मंच से तुम्हारी बोलती हुई तस्वीर मुझे मुग्ध करती है ,
अपनी छात्राओं से घिरी तुम्हारी तस्वीर सुकून देती है मुझे
और सुनो
किसी नदी पहाड़ सागर किनारे घूमते हुई खींची तुम्हारी तस्वीर
मुझमें डाल जाती है
हर बार थोड़ा और जीवन ...
और ..और
मैं सोच रही हूं तबसे
मुझे बिना डोर बांध लिया है तुमने
कितने अपनेपन से
© Pallavi pandey
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