हर कोई सच्चा और कामिल फ़क़ीर नहीं होता दो दिलों को
"हर कोई सच्चा और कामिल फ़क़ीर नहीं होता
दो दिलों को जोड़ने वाला जंजीर नहीं होता
ना दिखाया करो अपने हाथों को किसी ज्योतिषी और नजूमी से
क्योंकि क़िस्मत को बनाने वाला हाथों का लकीर नहीं होता
मो. इक्साद अंसारी"
हर कोई सच्चा और कामिल फ़क़ीर नहीं होता
दो दिलों को जोड़ने वाला जंजीर नहीं होता
ना दिखाया करो अपने हाथों को किसी ज्योतिषी और नजूमी से
क्योंकि क़िस्मत को बनाने वाला हाथों का लकीर नहीं होता
मो. इक्साद अंसारी