"यकीन पहले माँ बाप को जितना
यकीन होता था कि
हमारी सन्तान हमारा कहना
मान लेगी,
अब उतना ही यकीन है
कि
हमारी बात नहीं मानेगी।
ये अन्तर आ चुका है
दो पीढ़ियों के बीच।"
यकीन पहले माँ बाप को जितना
यकीन होता था कि
हमारी सन्तान हमारा कहना
मान लेगी,
अब उतना ही यकीन है
कि
हमारी बात नहीं मानेगी।
ये अन्तर आ चुका है
दो पीढ़ियों के बीच।