Krishan Veer Rathi

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अगर जनाजे को गैर ही काँधा दे तो अच्छा है वरना अपने तो मरने के बाद इसका भी एहसान जताएंगे।

#विचार #Luka_chuppi  अगर जनाजे को गैर ही काँधा दे
तो अच्छा है
वरना अपने तो मरने के बाद
इसका भी एहसान
जताएंगे।

जिस संविधान को स्वीकार कर भारत को गणतंत्र बनाया गया, उस संविधान का सम्मान करना ही देश का सम्मान है। आपको सभी को 71 वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

#विचार #Desh_ke_liye  जिस संविधान को स्वीकार कर भारत को गणतंत्र बनाया गया, उस संविधान का सम्मान करना ही देश का सम्मान है।
आपको सभी को 71 वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

मेरे दुश्मन गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर' क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना।।

 मेरे दुश्मन गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर'
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना।।

मेरे दुश्मन गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर' क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना।।

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रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ।।

 रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ।।

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ।।

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राहें अब न कोई मन्ज़िल है और न रहगुज़र कोई, जाने क़ाफिला भटके अब कहाँ कहाँ यारो.

 राहें अब न कोई मन्ज़िल है और न रहगुज़र कोई, 
जाने क़ाफिला भटके अब कहाँ कहाँ यारो.

राहें अब न कोई मन्ज़िल है और न रहगुज़र कोई, जाने क़ाफिला भटके अब कहाँ कहाँ यारो.

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सामने मंज़िल थी और, तलाश-ए-मन्ज़िल-ए-सब्र-ओ-सुकूँ तो है दिल को, मिला है राह में लेकिन फ़क़त ग़ुबार मुझे.

#कविता  सामने मंज़िल थी और, तलाश-ए-मन्ज़िल-ए-सब्र-ओ-सुकूँ तो है दिल को, 
मिला है राह में लेकिन फ़क़त ग़ुबार मुझे.

सामने मंज़िल थी और, तलाश-ए-मन्ज़िल-ए-सब्र-ओ-सुकूँ तो है दिल को, मिला है राह में लेकिन फ़क़त ग़ुबार मुझे.

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