White सुनिये दो पंक्ति रावण के संदर्भ मे!
"के माना हुआ था पाप मुझसे पराई स्त्री को लंका लाया था, मरियाद की रेखा में रहते हुए उसको पटरानी बनाना था " ये तो नियति थी मरीयादा पुरषोत्तम के हाथो से मेरा वध निश्चित है परंतु आज के कायर और मुर्ख लोग मेरे पुतले में आग लगाते है बताओ मुझे क्या वो मेरी तराह ज्ञानी कह लाते है?
एक हाथ से औरत की इज़्ज़त उतारते है दूसरे हाथ से मेरे पुतले में आग लगाते है
ऐसा कलयुग आ गया!
अगर में बहक गया तो कितना पापी हो गया!
©ਸੀਰਿਯਸ jatt
#Dussehra रावण के पुतले में आग तभी लगाना जब आप रावण के बराबरी हो!