हंसने लगे है गम सारे गर्दिशें मेहरबान हुई
बन गए हैं हम सितारे खुद से पहचान हुई
मोहताजी हमे रास ना आई कभी
बहुतों का यही शिकायत रही सखी
हथेली पे फूल खिलाने में यकीन रखते हैं
दोस्त ही दोस्तों को ढंग से समझते हैं
याद आने के लिए तो भूलना जरूरी है
और भूल जाए तो याद आना भी जरूरी है
अपनी मर्ज़ी से ही होती है दोस्ती
और अपने जैसों से होती है दोस्ती
,
सभी दोस्तों को सप्रेम समर्पित
बबली भाटी बैसला
©Babli BhatiBaisla
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