हंसने लगे है गम सारे गर्दिशें मेहरबान हुई बन गए ह | हिंदी शायरी

"हंसने लगे है गम सारे गर्दिशें मेहरबान हुई बन गए हैं हम सितारे खुद से पहचान हुई मोहताजी हमे रास ना आई कभी बहुतों का यही शिकायत रही सखी हथेली पे फूल खिलाने में यकीन रखते हैं दोस्त ही दोस्तों को ढंग से समझते हैं याद आने के लिए तो भूलना जरूरी है और भूल जाए तो याद आना भी जरूरी है अपनी मर्ज़ी से ही होती है दोस्ती और अपने जैसों से होती है दोस्ती , सभी दोस्तों को सप्रेम समर्पित बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla"

 हंसने लगे है गम सारे गर्दिशें मेहरबान हुई 
बन गए हैं हम सितारे खुद से पहचान हुई 

मोहताजी हमे रास ना आई कभी 
बहुतों का यही शिकायत रही सखी

हथेली पे फूल खिलाने में यकीन रखते हैं 
दोस्त ही दोस्तों को ढंग से समझते हैं 

याद आने के लिए तो भूलना जरूरी है 
और भूल जाए तो याद आना भी जरूरी है 

अपनी मर्ज़ी से ही होती है दोस्ती 
और अपने जैसों से होती है दोस्ती 
,
             सभी दोस्तों को सप्रेम समर्पित       
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla

हंसने लगे है गम सारे गर्दिशें मेहरबान हुई बन गए हैं हम सितारे खुद से पहचान हुई मोहताजी हमे रास ना आई कभी बहुतों का यही शिकायत रही सखी हथेली पे फूल खिलाने में यकीन रखते हैं दोस्त ही दोस्तों को ढंग से समझते हैं याद आने के लिए तो भूलना जरूरी है और भूल जाए तो याद आना भी जरूरी है अपनी मर्ज़ी से ही होती है दोस्ती और अपने जैसों से होती है दोस्ती , सभी दोस्तों को सप्रेम समर्पित बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla

@Ravi Ranjan Kumar Kausik @Neel KK क्षत्राणी @R Ojha @RAMA Goswami @Lalit Saxena

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