इंतज़ार और मोहब्बत आप याद क्यों करेंगे हमें, ये फर्

"इंतज़ार और मोहब्बत आप याद क्यों करेंगे हमें, ये फर्ज तो गुलाम के हैं... दिन में सौ बार याद करते हैं तुम्हें क्योंकि पासवर्ड सारे तुम्हारे नाम के हैं।"

 इंतज़ार और मोहब्बत आप याद क्यों करेंगे हमें, ये फर्ज तो गुलाम के हैं...

दिन में सौ बार याद करते हैं तुम्हें क्योंकि पासवर्ड सारे तुम्हारे नाम के हैं।

इंतज़ार और मोहब्बत आप याद क्यों करेंगे हमें, ये फर्ज तो गुलाम के हैं... दिन में सौ बार याद करते हैं तुम्हें क्योंकि पासवर्ड सारे तुम्हारे नाम के हैं।

prajjval awadhiya @Ganesh Pandey @Akash Biradar75 @@sidd @Patel Gourav Kumar @Amar Tripathi

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