Akash Biradar75

Akash Biradar75 Lives in Pune, Maharashtra, India

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जान - पहचान ज्यादा बढ़ाने की कोशिश न करो; चुपचाप भजन करते रहो ! ख्याति से प्रपंच बढ़ेगा ! परिवार बढ़ेगा, भजन में बाधा आवेगी ! मान - पूजा होने लगेगी, और कहीं मान - पूजा को मन स्वीकार कर लेगा, तब तो समझो कि पतन के लिए गड्ढा ही खुद गया !! ©Akash Biradar75

#Corona_Lockdown_Rush #krishna_flute #RadhaKrishna #parmarth #God  जान - पहचान ज्यादा बढ़ाने की कोशिश न करो; चुपचाप भजन करते रहो ! ख्याति से प्रपंच बढ़ेगा ! परिवार बढ़ेगा, भजन में बाधा आवेगी ! मान - पूजा होने लगेगी, और कहीं मान - पूजा को मन स्वीकार कर लेगा, तब तो समझो कि पतन के लिए गड्ढा ही खुद गया !!

©Akash Biradar75

नथनी दिनी यार ने, तो चिंतन बारम्बार, और नाक दिनी भगवान ने, तो प्यारे उनको दिया बिसार। ©Akash Biradar75

#Mic  नथनी दिनी यार ने, तो चिंतन बारम्बार, और नाक दिनी भगवान ने, तो प्यारे उनको दिया बिसार।

©Akash Biradar75

#Mic

11 Love

दोष सामने वाले में नहीं हम में दोष है जिस दिन हम निर्दोष हो जायेंगे तो एक पहचान है जब तुलसीदास जी निर्दोष हुए तो उनको दिखाई दे रहा है जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि। बंदउँ सब के पद कमल सदा जोरि जुग पानि॥7(ग)॥ भावार्थ- जगत में जितने जड़ और चेतन जीव हैं, सबको राममय जानकर मैं उन सबके चरणकमलों की सदा दोनों हाथ जोड़कर वन्दना करता हूँ॥7 (ग)॥ ©Akash Biradar75

#Rose  दोष सामने वाले में नहीं हम में दोष है जिस दिन हम निर्दोष हो जायेंगे तो एक पहचान है जब तुलसीदास जी निर्दोष हुए तो उनको दिखाई दे रहा है 

जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि।
बंदउँ सब के पद कमल सदा जोरि जुग पानि॥7(ग)॥

भावार्थ-
जगत में जितने जड़ और चेतन जीव हैं, सबको राममय जानकर मैं उन सबके चरणकमलों की सदा दोनों हाथ जोड़कर वन्दना करता हूँ॥7 (ग)॥

©Akash Biradar75

#Rose

10 Love

शरीर भाव ही असली नरक है और जिसकी स्थिति शरीर भाव से ऊपर उठ चुकी है वहीं मुक्त है ©Akash Biradar75

#राधाकृष्ण #adhyatm  शरीर भाव ही असली नरक है और जिसकी स्थिति शरीर भाव से ऊपर उठ चुकी है वहीं मुक्त है

©Akash Biradar75

सुख मेरा काँच सा था..* *न जाने कितनों को चुभ गया..!

#feelings #alone #hurt  सुख मेरा काँच सा था..*
*न जाने कितनों को चुभ गया..!

#feelings #nojoto #hurt #alone

8 Love

अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

 अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर
नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

12 Love

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