जख्म फिर से उभर आया है। तेरा चेहरा जो नज़र आया है। | हिंदी Love

"जख्म फिर से उभर आया है। तेरा चेहरा जो नज़र आया है। रोशनी ही रोशनी है मेरे कमरे में मानो जैसे चाँद धरती पर उतर आया है तू एक जरा बैठ मेरे पास तो मुझे तस्सली हो तू इसबार मेरा होने को इधर आया है। तू मेरा हाथ थामे थोड़ी दूर तो चल फिर लगेगा,हा, कोई रास्ता तो निकल आया है। ©Milan Vaibhav"

 जख्म फिर से उभर आया है।
तेरा चेहरा जो नज़र आया है।

रोशनी ही रोशनी है मेरे कमरे में
मानो जैसे चाँद धरती पर उतर आया है

तू एक जरा बैठ मेरे पास तो मुझे तस्सली हो
तू इसबार मेरा होने को इधर आया है।

तू मेरा हाथ थामे थोड़ी दूर तो चल
फिर लगेगा,हा, कोई रास्ता तो निकल आया है।

©Milan Vaibhav

जख्म फिर से उभर आया है। तेरा चेहरा जो नज़र आया है। रोशनी ही रोशनी है मेरे कमरे में मानो जैसे चाँद धरती पर उतर आया है तू एक जरा बैठ मेरे पास तो मुझे तस्सली हो तू इसबार मेरा होने को इधर आया है। तू मेरा हाथ थामे थोड़ी दूर तो चल फिर लगेगा,हा, कोई रास्ता तो निकल आया है। ©Milan Vaibhav

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