ऐ बारिश तू इस बार तो ना रुलाना
समय से आना,समय से जाना
देखता है एकटक आँखे लगाए
तेरा ही सहारा है इसे
इसकी नय्या को ना डूबाना....
न जाने कितनी उम्मीदें
तुझसे बांध रखी है
तू उम्मीदों को ऐसे ना बहाना...
जो सपने संजोये इन आँखों ने
उन आँखों को तू कभी ना रुलाना..
किसान है यह,
इसे समझने की कोशिश करना...
ऐ बारिश तू इसे ना रुलाना....
©pankaj
#kishan
#MumbaiRains