अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर ,
क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।।
मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब ,
मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जातीं बेटीयां ।।
©Zoga Bhagsariya
अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर ,
क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।।
मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब ,
मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जातीं बेटीयां ।।