White ज़ुर्म तेरी सज़ा मेरी क्या यह न्याय है
दशकों बाद मिले तो क्या यह न्याय है
तहरीर आपकी और फ़ैसला भी आपका
सुना तो रहे हो पर क्या यह न्याय है
तूने अपने लिए गढ़ ली राह गुलों की
काँटों पर हम चलें क्या यह न्याय है
सुनी थीं उनकी तमाम तहरीरें दलीलें
फ़ैसले पे सब हँसे क्या यह न्याय है
मत डूबो रवि अपनी जीत के जश्न में
सब कहते फ़िर रहे क्या यह न्याय है
©दीपबोधि
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