अपने द्वार पे तेरी चौंकी सज़ा रहा हूं ,
दीपक की जोत जला अपना आंगन सजा रहा हू
तेरे दिल में थोड़ी सी अपनी जगह मांग रहा हूं
हम नादान पे भी थोड़ी कृपा कर मां
अपनी झोली फैलाए तेरे सामने
तेरी आराधना करने बड़े उम्मीदों से आया हू।
नवरात्री की शुभकामनाएं!
✓Ishitav
@Poetrysoul
©Ishita Verma
#navratri