"तूने अपने बे-शुमार शौख जिम्मेदारियो में कितना बेहतरीन छुपा लिया हैं....
हमारी हसी का वजूद तूने रफ़्ता रफ़्ता अपने सपनो को खो कर बचा लिया हैं....
माँ तूने बिना कुछ जताए ये घर मकान बनने से बचा लिया हैं....
तेरे बहुत कर्ज चुकाने हैं पर तूने वो जरिया भी छुपा लिया हैं.....
तूने क्यों खुद को इंसान से भगवान बना लिया है.....
"khofnaak khaamosh zindagi bhi माँ tere sang gulzar hain ""