ख़्वाब में मैंने अपनी मौत देखी थी,
नींद खुली तो ज़िन्दगी का बोझ फिर से उठाना पड़ा।
ज़ेहन में ख़ामोशी का साया था हर तरफ़,
फिर भी मुझे इस फ़ानी दुनिया में लौट आना पड़ा।
लम्हे-लम्हे में ढलती रही मायूसी,
दिल की हर चाहत को चुप रहकर मिटाना पड़ा।
मौत की गोद में सुकून तलाश रहा था मैं,
मगर तक़दीर ने फिर से जीने का हुक्म सुनाना पड़ा
©UNCLE彡RAVAN
#Death