एक कहानी है तेरी मेरी पुरानी
जाकर किसको बताएं
इश्क लिखने का मन है किसको समझाएं
थोड़े आंसू हैं थोड़ा है प्यार
जाकर किसको हम बताएं
इश्क लिखने का मन है किसको समझाएं
गिला है किससे किसका इंतजार
बोलो दर्द कहां छुपाए
इश्क लिखने का मन है किसको समझाएं
फलसफा समझो ना सियासत समझो
जिंदगी सिर्फ हकीकत है हकीकत समझो
जाने किस दिन हो हवाएं भी नीलाम यहां
आज तो सांस भी लेते हो तो गनीमत समझो
©Rohit Chauhan
#chauhanrohitsingh300
#MereKhayaal