काश कहीं ऐसा होता,
समुंदर पर अपना राज होता,
लहरों का सिर पर ताज होता.
काश कहीं ऐसा होता ,
मुट्ठी में आसमान होता , बादलों पर अपना जहान होता,
काश कहीं ऐसा होता ,
रेगिस्तान मे अपना घर होता, तूफानो का ना कोई डर होता,
काश कहीं ऐसा होता ,
ऋतुओं पे अपना जोर होता, हर दिन बारिश का शोर होता,
काश कहीं ऐसा होता,
सांसो का वज़न कभी कम ना होता,
फिर अपनो को खोने का गम ना होता,
काश कहीं ऐसा होता, सपनो का कोई आकार होता,
और मैं एक कुशल कुम्हार होता,
काश! काश! काश! मै जैसा सोचता,
हर पल मेरी सोंच जैसा होता....
काश कहीं ऐसा होता.... !
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©Sarah Moses
#boat