ए ख्वाब ए चश्म कभी हकीकत भी हो जाओ कि अर्सा गुजर | हिंदी कविता

"ए ख्वाब ए चश्म कभी हकीकत भी हो जाओ कि अर्सा गुजर गया है उनका दीदार नही हुआ वो ख्वाब ए रहगुज़र पर तो हर रोज गुजरते है पर चश्म है कि हर रोज तरसती है बस दीद को ©Pravesh Sharma"

 ए ख्वाब ए चश्म 
कभी हकीकत भी हो जाओ
कि अर्सा गुजर गया है
उनका दीदार नही हुआ
वो ख्वाब ए रहगुज़र पर तो
हर रोज गुजरते है
पर चश्म है कि हर रोज
तरसती है बस दीद को

©Pravesh Sharma

ए ख्वाब ए चश्म कभी हकीकत भी हो जाओ कि अर्सा गुजर गया है उनका दीदार नही हुआ वो ख्वाब ए रहगुज़र पर तो हर रोज गुजरते है पर चश्म है कि हर रोज तरसती है बस दीद को ©Pravesh Sharma

#khwaab

People who shared love close

More like this

Trending Topic