Pravesh Sharma

Pravesh Sharma

teacher in Delhi admin

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

बादल आकाँक्षाओ के उमड़ते रहे घुमड़ते रहे खोजते रहे पिय प्रीतम को बेतहाशा वो मचलते रहे बन बूँदे नन्ही नन्ही जा बरसे वही कही जहाँ थी पिय की गली बादल आकॉंक्षाओ के बरस पड़े ©Pravesh Sharma

#विचार #badal  बादल आकाँक्षाओ के
उमड़ते रहे
घुमड़ते रहे
खोजते रहे पिय प्रीतम को
बेतहाशा वो
मचलते रहे
बन बूँदे नन्ही नन्ही
जा बरसे वही कही
जहाँ थी पिय की गली
बादल आकॉंक्षाओ के
बरस पड़े

©Pravesh Sharma

#badal

9 Love

फैला तो जरा आसमान में और भर उड़ान देख जमीन पर कितने है शख्स पशेमां,हैरान देख कर तुझे विस्तृत गगन में ईर्ष्या पसारती है पाँव न जाने कितने मन में पर मत देना ध्यान कर पूरे अरमान भर उड़ान विस्तृत गगन में बस ठान तो मन में ©Pravesh Sharma

#ज़िन्दगी  फैला तो जरा आसमान में
और भर उड़ान
देख जमीन पर
कितने है शख्स
पशेमां,हैरान
देख कर तुझे
विस्तृत गगन में
ईर्ष्या पसारती है पाँव
न जाने कितने मन में
पर मत देना ध्यान
कर पूरे अरमान
भर उड़ान
विस्तृत गगन में
बस ठान तो मन में

©Pravesh Sharma

फैला तो जरा आसमान में और भर उड़ान देख जमीन पर कितने है शख्स पशेमां,हैरान देख कर तुझे विस्तृत गगन में ईर्ष्या पसारती है पाँव न जाने कितने मन में पर मत देना ध्यान कर पूरे अरमान भर उड़ान विस्तृत गगन में बस ठान तो मन में ©Pravesh Sharma

7 Love

दोस्ती यारो की, होती है कड़ी कमाल जीते लेकर नाम उसी का टाँग खीचते जिसकी बहरहाल दूर रहों तो नही है चैन पास रहों तू घूरते है नैन हर लम्हा साथ रहने की आरजू साथ रहूँ तो बात करे न तू दोस्ती यारो की बस होती है बडी कमाल ए ज़ीनत ए रुह और तुझें क्या नाम दूँ ©Pravesh Sharma

#ज़िन्दगी #Dosti  दोस्ती यारो की,
होती है कड़ी कमाल
जीते लेकर नाम उसी का
टाँग खीचते जिसकी बहरहाल
दूर रहों तो नही है चैन
पास रहों तू घूरते है नैन
हर लम्हा साथ रहने की आरजू
साथ रहूँ तो बात करे न तू
दोस्ती यारो की बस
होती है बडी कमाल
ए ज़ीनत ए रुह
और तुझें क्या नाम दूँ

©Pravesh Sharma

#Dosti

8 Love

एक है अंजान पथ यात्रा है अविरल एक बिना पढा सा है खत नही मालूम उसमें क्या लिखा है सच अनुमान बंद चिट्ठी का हम सब लगा सकते है बस ©Pravesh Sharma

#ज़िन्दगी #Jeevan  एक है अंजान पथ
यात्रा है अविरल
एक बिना पढा सा है खत
नही मालूम उसमें
क्या लिखा है सच
अनुमान बंद चिट्ठी का
हम सब लगा सकते है बस

©Pravesh Sharma

#Jeevan

8 Love

तू छत का आसमान है तेरे बिन मेरे हमख्याल ये मन खाली मकान है तू रूह ए जमाल है खुदा का तू कमाल है अधूरी हर शैं है तेरे बिन सजे तुझसे मेरे रात दिन ©Pravesh Sharma

#ज़िन्दगी #chhat  तू छत का आसमान  है
तेरे बिन मेरे हमख्याल
ये मन खाली मकान है
                            तू रूह ए जमाल है
खुदा का तू कमाल है
अधूरी हर शैं है तेरे बिन
सजे तुझसे मेरे रात दिन

©Pravesh Sharma

#chhat

17 Love

ए ख्वाब ए चश्म कभी हकीकत भी हो जाओ कि अर्सा गुजर गया है उनका दीदार नही हुआ वो ख्वाब ए रहगुज़र पर तो हर रोज गुजरते है पर चश्म है कि हर रोज तरसती है बस दीद को ©Pravesh Sharma

#कविता #khwaab  ए ख्वाब ए चश्म 
कभी हकीकत भी हो जाओ
कि अर्सा गुजर गया है
उनका दीदार नही हुआ
वो ख्वाब ए रहगुज़र पर तो
हर रोज गुजरते है
पर चश्म है कि हर रोज
तरसती है बस दीद को

©Pravesh Sharma

#khwaab

11 Love

Trending Topic