हर मुसीबत के आगे ये पहाड़ से खड़े है
पिता शब्द भले छोटा है, पर इसके माइने बहुत बड़े है।
अपनी हर छोटी बड़ी जरूरत का त्याग कर दिया।
पर अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमेशा खड़े है।
हर सुख-दुःख, चिंता-फिक्र दिल में दफ़न कर लिया
बच्चों की हर जरूरत पूरा करने की ज़िद में लगे हैं।
अपना कोई भी काम करने से पहले बच्चों की सोचते हैं।
ये वो वृक्ष है, जिनकी छाँव में बच्चे निश्चिन्त होकर पड़े हैं।
माॅ अवनी है तो पिता भी व्योम के समान हैं
माॅ नींव है और पिता घर की छत के समान है।
घर की फर्श थोड़ी टूट भी जाए तो क्या हुआ
पर बिना छत के घर का क्या अभिमान है???
पिता है तो बच्चों का मन उपवन - उद्यान है
माॅ भी करती हैं जरूरते पूरी,
पर पिता हैं तो बच्चों की जरूरत ये पूरा आसमान है।
हर मुसीबत के आगे ये पहाड़ से खड़े है,
पिता शब्द भले छोटा है पर इसके माइने बड़े बहुत बड़े है।
©Kiran Tiwari
#FathersDay2021