ना आंखे रोती है
ना जुबा लड़खराती है
उम्र सब के पास है
जवानी अभी भी बाकी है
फिर ये कैसा मंजर
जो किया हम सबको जरजर
हमारा बोया विज्ञान है
साधनो से भरा संसार है
फिर ये कैसा वार है
ना तलवार है ना भाल कतार
चलता फिरता हवा
फिर भी आॅक्सीजन समाधान है
रोते बिलखते परिजन
कोइ नही उपचार है
वार बरी आसान है
सब पर भारी इसका प्रहार है
नाम भी इसका "को-रोना"
'को' से कोइ नही
सबको यहाॅ है रोना
©Jyoti Gupta
#Nodiscrimination