इसी ख़याल मे हमने ये जिन्दगी गुज़री है मेरे बदन प | हिंदी Shayari
"इसी ख़याल मे हमने ये जिन्दगी गुज़री है
मेरे बदन पे ये सांसो का बोझ कितना भारी है
जिस चाँद के होने से होती थी ईद मेरी
मैंने उस चाँद के बिना भी कई ईद गुज़ारी है"
इसी ख़याल मे हमने ये जिन्दगी गुज़री है
मेरे बदन पे ये सांसो का बोझ कितना भारी है
जिस चाँद के होने से होती थी ईद मेरी
मैंने उस चाँद के बिना भी कई ईद गुज़ारी है