सबको लड़ने पड़ते हैं, अपने-अपने हिस्से के युद्ध,
चाहे राजा राम हों, या चाहे गौतम बुद्ध।
संघर्षों की इस राह में, हर कोई अकेला है,
धर्म, मोह, माया सबको परखने वाला ये खेला है।
राम ने लड़ी रावण से, अपने धर्म के वास्ते,
तो बुद्ध ने किया त्याग, मोह-माया के रास्ते।
दोनों ने अपने-अपने युद्धों से पाया ज्ञान,
एक ने लिया धनुष, तो दूसरे ने अपनाया ध्यान।
युद्ध बस तलवारों से नहीं लड़ा जाता,
कभी अहंकार से, तो कभी भीतर के सवालों से भिड़ा जाता।
हर व्यक्ति का संघर्ष, उसकी अपनी कहानी है,
चाहे राजा राम हों, या बुद्ध, यही तो इंसानी रवानी है।
©UNCLE彡RAVAN
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