खयाल आते है चले जाते है, उन्हें कागज़ पे उतार लूँ
लोग आते है चले जाते है, उन्हें ज़ेहन से निकाल दूँ
वक़्त आता है चला जाता है, कुछ लम्हे गुज़ार लूँ
शबाब आता है चला जाता है, खुद को संवार लूँ
अब तो बस तेरा इंतज़ार है तू कब आएगा
तेरे इंतज़ार में सारी ज़िन्दगी गुज़ार दूँ
©Simran Rana
#OneSeason